पूर्ण चंद्रग्रहण (Total Lunar Eclipse) 7 सितंबर 2025 की रात में घटित होगा, जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में पूरी तरह प्रवेश कर जाएगा ।
इसे ‘ब्लड मून’ कहा जाता है क्योंकि इसका रंग लाल-भूरा दिखाई देता है, जो पृथ्वी के वायुमंडल से गुज़रते सूर्य के प्रकाश के नीले हिस्से के छंटने और लाल प्रकाश के चंद्रमा तक पहुँचने से होता है ।
इस ग्रहण में लगभग 82 मिनट तक पूर्णता (Totality) रहेगी—यह दशक में सबसे लंबी पूर्णताओं में से एक है ।
⏱ समय सारणी (भारत समय – IST)
चरण समय (IST)
ग्रहण शुरू रात 9:58 PM
पराक्रम (Peak) लगभग 11:41–11:42 PM
समाप्ति लगभग 1:26 AM (8 सित॰)
स्रोतों के अनुसार, समय में थोड़ी बहुत अंतर हो सकता है—लेकिन प्रारंभ लगभग रात 10 बजे, पराक्रम करीब 11:40 बजे, और समापन 1:26 बजे के आसपास है । दृश्यता व वैश्विक प्रसारण
दृश्यता व वैश्विक प्रसारण
यह ग्रहण भारत के साथ-साथ एशिया, पूर्वी अफ्रीका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देगा—लगभग 80–85% वैश्विक जनसंख्या इससे लाभान्वित होगी ।
जिन लोगों के लिए आकाश साफ हो और प्रकाश प्रदूषण कम हो—जैसे ग्रामीण क्षेत्र—वे इसे सर्वोत्तम रूप से देख पाएंगे। लाइवस्ट्रीमिंग विकल्प भी उपलब्ध रहेंगे ।
ज्योतिष और सांस्कृतिक दृष्टिकोण

हिंदू परंपरा में, सूतक काल (Sutak period) ग्रहण से लगभग 9 घंटे पहले शुरू होता है—यहां यह दोपहर 12:57 बजे शुरू हो गया था ।
ज्योतिष अनुसार कुंभ राशि में स्थित ग्रहण के दौरान विशेष राशियों — जैसे मेष, वृषभ, वृश्चिक, धनु — के लिए शुभ परिणाम की संभावना है, जबकि कुछ राशि जैसे वृषभ, मिथुन, सिंह, तुला, कुंभ पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है ।
यह ग्रहण पितृ पक्ष (Pitru Paksha Purnima) में आता है और इसका धार्मिक महत्व विशेष होता है; इस दौरान पूजा-पाठ, दान, जप आदि को लाभकारी माना जाता है ।
कुछ मिथकों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को सावधान रहने की सलाह दी जाती है, लेकिन चिकित्सक अविवादित रूप से इन मान्यताओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अस्वीकृत करते हैं — जैसे कि डिलीवरी रोकना ।