
आजकल छोटे बच्चों का ज्यादातर समय मोबाइल और टैबलेट पर गुजरता है। यह आदत धीरे-धीरे उनके मानसिक और सामाजिक विकास पर असर डाल सकती है। कई शोधों में पाया गया है कि बचपन से ही अधिक स्क्रीन टाइम बच्चों में ऑटिज़्म जैसी लक्षणों (जैसे कम बोलना, आंखों से संपर्क न करना, अकेले रहना पसंद करना) को बढ़ा सकता है।

ऑटिज़्म क्या है?
ऑटिज़्म एक न्यूरो-डेवलपमेंटल डिसऑर्डर है, जिसमें बच्चा दूसरों से बातचीत, मेलजोल और व्यवहार में कठिनाई महसूस करता है। इसके लक्षण बचपन से ही दिखने लगते हैं।
बच्चों में स्क्रीन टाइम के नुकसान
आंखों से संपर्क (Eye contact) की कमी।
बोलने और भाषा विकास में देरी।
सामाजिक मेलजोल और खेलों में रुचि कम होना।
चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ना।
बच्चों को बचाने के तरीके
1. मोबाइल का सीमित उपयोग – 2 साल से छोटे बच्चों को मोबाइल बिल्कुल न दें।
2. आउटडोर खेल – बच्चों को बाहर खेलने, दौड़ने और दोस्तों से मिलने का मौका दें।
3. परिवार के साथ समय – बच्चे माता-पिता से बातचीत और खेलों से ज्यादा सीखते हैं।
4. पढ़ाई और हॉबी – किताबें, चित्रकारी, संगीत जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दें।
5. स्क्रीन पर कंट्रोल – मोबाइल या टीवी का उपयोग सिर्फ जरूरत के समय ही करें।
याद रखें, बच्चे की जिंदगी मोबाइल से नहीं बल्कि आपके साथ बिताए समय से बेहतर बनती है।